केजरीवाल ने कहा कि रावण “सोने का हिरण” बन गया, जो पूरी तरह गलत है। इस प्रकार, केजरीवाल का बयान न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि यह रामायण की गहरी समझ की कमी को भी दर्शाता है। ऐसे बयानों से सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुँच सकती है।
यह बयान न केवल उनके ज्ञान की कमी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का उपयोग करने में संकोच नहीं करते। इस प्रकार, उनके बयानों ने उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया जो धार्मिक मुद्दों पर सतही ज्ञान रखता है और इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करता है।
केजरीवाल का रावण का गलत उद्धरण सिर्फ जुबानी फिसलन नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी हिंदु धर्म से कोई लगाव नहीं है। लगाव तो छोड़िए, इन्हें सनातन से नफरत है। ये इसी गठबंधन के अंग है जो सनातन को मिटाने की बात करता है। जो पूजा स्थल कानून को समाप्त करने की बात करता है। यही वजह है कि उनके जुबान से हिंदु विरोधी तथ्य बार बार निकलते हैं।
लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है जो उनके हिंदु प्रेम की कलई खोलती है। ऐसे कई घटनाएं हैं जिनकी हमने सूची दी है।
राम मंदिर पर सवाल
केजरीवाल ने राम मंदिर निर्माण की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनाने चाहिए। उनका यह बयान हिंदू समुदाय के लिए विवादास्पद साबित हुआ, क्योंकि राम मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
उनके इस कथन से यह संदेश गया कि वे धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी दादी इस मंदिर के निर्माण का समर्थन नहीं करतीं, जिससे उनकी व्यक्तिगत राय को सार्वजनिक रूप से पेश किया गया।
भगवद गीता का गलत उद्धरण
केजरीवाल ने भगवद गीता का संदर्भ देते हुए कहा था कि “एक सच्चा हिंदू कभी नहीं भागता,” जबकि गीता में “हिंदू” शब्द का कहीं उल्लेख नहीं है। इस तरह की गलतफहमी से यह स्पष्ट होता है कि वे धार्मिक ग्रंथों की गहरी समझ नहीं रखते हैं।
स्वस्तिक का अपमान
2019 में, केजरीवाल ने एक तस्वीर साझा की जिसमें एक व्यक्ति स्वस्तिक प्रतीक को झाड़ू से मार रहा था। स्वस्तिक हिंदू धर्म में एक पवित्र प्रतीक माना जाता है और इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। इस तस्वीर को साझा करके उन्होंने न केवल हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि वे धार्मिक प्रतीकों का सम्मान नहीं करते हैं। असंवेदनशील है। इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा और हिंदू समुदाय में रोष पैदा हुआ।
सीएए के खिलाफ बयान
केजरीवाल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ बयान दिए, जिससे हिंदू और सिख शरणार्थियों में नाराजगी फैली। उन्होंने कहा कि उन्हें नौकरियों और घरों की चिंता है, जबकि केंद्र सरकार उन्हें नागरिकता दे रही है। उनका यह बयान उन लोगों के लिए निराशाजनक था जो भारत में सुरक्षित आश्रय पाने की कोशिश कर रहे थे।
धार्मिक परिवर्तन समारोह में शामिल होना
AAP के मंत्री गोपाल राय ने एक धार्मिक परिवर्तन समारोह में भाग लिया, जहाँ लोगों ने हिंदू देवी-देवताओं को छोड़कर बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने की शपथ ली।
‘The Kashmir Files’ पर टिप्पणी
अरविंद केजरीवाल ने फिल्म ‘The Kashmir Files’ को “झूठी फिल्म” करार दिया, जो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की कहानी को दर्शाती है। उनकी यह टिप्पणी कश्मीरी हिंदुओं और भाजपा नेताओं के बीच भारी नाराजगी का कारण बनी।
कश्मीरी पंडितों की पीड़ा और उनके संघर्ष को नजरअंदाज करते हुए, केजरीवाल ने यह बयान दिया कि फिल्म का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है।
इस प्रकार की टिप्पणियाँ न केवल संवेदनहीनता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट करती हैं कि वह संवेदनशील मुद्दों पर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वास्तविकता को तोड़-मरोड़ने में संकोच नहीं करते।