फरवरी 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 27 वर्षों बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी और पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री परवेश वर्मा जी के नेतृत्व में नई सरकार ने पहले ही दिनों से ठोस नीतिगत फैसलों के साथ दिल्ली को एक नई दिशा देने का संकल्प दिखाया है।
स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में किए गए ये प्रयास न केवल राजधानी के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम करेंगे।
यमुना नदी का पुनर्जीवन
दिल्ली की जीवनरेखा यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नई सरकार ने एक व्यापक 3-वर्षीय योजना की घोषणा की है। इसके तहत औद्योगिक कचरे के निस्तारण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने और नदी किनारे इको-फ्रेंडली प्रथाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। श्रीमती गुप्ता ने जोर देकर कहा, “यमुना की स्वच्छता केवल पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य और संस्कृति से जुड़ा प्रश्न है।
पहले चरण में, 10 नए बायो-डाइजेस्टर प्लांट्स लगाए जाएंगे और 500 किमी नाले को सीवर लाइनों से जोड़ा जाएगा। स्थानीय समुदायों को जल संरक्षण के लिए प्रशिक्षित करने की भी योजना है।
यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है। यह दिल्ली की सांस है। आने वाले वक्त में दिल्ली की जो बदली हुई तस्वीर दिखने वाली है, उसके काफी हद तक आर्किटेक्ट माननीय परवेश साहिब सिंह वर्मा होंगे।

सकारात्मक बात यह है कि वे सिर्फ एसी ऑफिस में काम करने वाले मंत्री नहीं है, बल्कि जमीन पर उतरकर काम करते है। उनकी प्राथमिकताएं भी स्पष्ट है।
9 अप्रैल को अधिकारियों के साथ परवेश वर्मा जी ओखला स्थित एशिया के सबसे बड़े सिंगल सीवेज़ ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करते है। यह अत्याधुनिक संयंत्र केंद्र सरकार के सहयोग से अभी तैयार हुआ है और यहां आने वाले सीवेज को निर्धारित मानकों पर शुद्ध किया जा रहा है।यह संयंत्र प्रतिदिन 564 डस्क् सीवेज को शुद्ध कर रहा है, जिससे यमुना फिर से स्वच्छ, प्रवाहमान और राजधानी की असली जीवन रेखा बनेगी।
यमुना की सफाई उनकी प्राथमिकता है। लेकिन उन्हें नौकरशाही की चुनौतियों का अहसास है। आज यमुना जी की सफाई और सौंदर्यीकरण को लेकर अहम बैठक हुई।
सबसे बड़ी समस्या विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय स्थापित करना है। इसलिए उन्होंने पीडब्ल्यूडी, पर्यावरण,, डीपीसीसी, एमसीडी, को एक ही मंच पर ले आए। इसके पीछे सिर्फ एक ही संकल्प है- समन्वय के साथ तेज़ी से काम करना, ताकि यमुना जी फिर से जीवनदायिनी बन सके।
जलभराव की समस्या
दिल्ली में प्रत्येक साल मानसून में जलीराव के बड़ी समस्श बन जाती है। इसके लिए भी दिल्ली सरकार काफी सजग है। समस्या के बारे में बात करते हुए श्री परवेश वर्मा कहते हैं – मानसून में दिल्ली के अंदर हर जगह जलभराव होता है क्योंकि हमारी सीवर लाइनों में डिसिल्टिंग नहीं हुई है।

पिछले 10-20 सालों से यहां डिसिल्टिंग नहीं हुई थी। यही कारण था कि यहां जब भी बारिश होती थी तो सीवर भर जाते थे और सड़कों पर पानी आ जाता था। हमारी कोशिश है कि मानसून में कहीं भी जलभराव नहीं हो।
मानसून में दिल्ली की जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए श्री वर्मा ने नाले और नहरों की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम का अपग्रेडेशन और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है। 20 नए स्टॉर्मवाटर पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और 150 किमी नालियों का साइज बढ़ाया जाएगा। नागरिकों को अलर्ट भेजने के लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार
शिक्षा मंत्री के तौर पर आशीष सूद जी ने स्कूलों के बुनियादी ढाँचे को चमकदार कक्षाओं, लैब्स और खेल मैदानों में बदलने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, शिक्षकों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, ताकि छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50 स्कूलों में AI-आधारित स्मार्ट क्लासरूम और कोडिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी। शिक्षकों के लिए ‘टीचर्स इनोवेशन फेलोशिप’ योजना भी शुरू की गई है।
आयुष्मान भारत योजना लागू
आम आदमी पार्टी की शत्रुतापूर्ण अप्रोच के चलते दिल्ली के लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। इस गलती को सरकार बनने के साथ ही दूर किया गया।
सरकार के पहले कैबिनेट सत्र में ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की मंजूरी दे दी। इसके तहत लाभार्थियों को मौजूदा 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा के ऊपर अतिरिक्त 5 लाख रुपये का टॉप-अप दिया जाएगा।
यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच हुए समझौते के साथ अब आयुष्मान भारत योजना राजधानी में लागू हो गई है।जिससे दिल्ली के लाखों परिवारों को 10 लाख रुपये तक का सालाना स्वास्थ्य कवर (5 लाख केंद्र सरकार $ 5 लाख दिल्ली सरकार) मिलेगा। इसके तहत साजल्द ही दिल्ली में बनेंगे 24 नए अस्पताल, 17,000 नए बेड और 400 आयुष्मान आरोग्य मंदिर मिलने जा रहें हैं
CAG रिपोर्ट्स का त्वरित कार्यान्वयन
पारदर्शिता को सरकार के मूलमंत्र के रूप में अपनाते हुए, रेखा गुप्ता ने विधानसभा के पहले सत्र में 14 लंबित CAG (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट्स को तुरंत तालिकाबद्ध किया। यह निर्णय सरकारी खर्चों में जवाबदेही बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
इन रिपोर्ट्स में दिल्ली मेट्रो, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और जल बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं को उजागर किया गया है। सरकार ने प्रभावित विभागों को 90 दिनों में सुधारात्मक कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है, ताकि जनता का विश्वास मजबूत हो।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने के लिए सब्सिडी और टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहनों की घोषणा की है। साथ ही, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए किसानों के साथ सहयोगात्मक समाधानों पर काम किया जा रहा है।
EV खरीदने पर 20% सब्सिडी (अधिकतम 50,000 रुपये) और चार्जिंग स्टेशनों के लिए 100 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को बायो-डीकंपोजर किट और मशीनें निःशुल्क दी जाएंगी।
आधुनिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण
पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) की कमान संभालते हुए श्री परवेश वर्मा ने दिल्ली की सड़कों और पुलों के आधुनिकीकरण का बीड़ा उठाया है। टिकाऊ सामग्री और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करते हुए, यह पहल यातायात की भीड़ को कम करने और शहर की कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद करेगी।
पहले चरण में, रिंग रोड और 50 प्रमुख चौराहों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही, सोलर-पैनल वाले फुटपाथ और रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शहर को जलवायु-अनुकूल बनाएंगे।
दिल्ली में यातायात सुगमता और इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। साहिबी नदी के दोनों किनारों पर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जो यातायात दबाव को कम करेगा और जाम की समस्या से राहत प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, दिल्ली की चार प्रमुख पीडब्ल्यूडी सड़कों को अब NHAI के नियंत्रण में सौंपा गया है, जिससे इन सड़कों के विस्तार और रखरखाव में तेज़ी आएगी।
पर्यावरण-अनुकूल परिवहन
वर्मा ने शहर में 500 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की योजना बनाई है, जिससे सार्वजनिक परिवहन को सुलभ और प्रदूषण-मुक्त बनाया जा सके। इसके अलावा, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार और साइकिल लेन के निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। नई बसों में व्हीलचेयर एक्सेस, फ्री वाई-फाई और रियल-टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ होंगी। 100 किमी नई साइकिल लेन युवाओं को ग्रीन कम्यूट के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी और पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री परवेश वर्मा जी की टीम ने जिस गति और दृढ़ संकल्प के साथ काम शुरू किया है, वह दिल्ली के भविष्य के प्रति आशाएँ जगाता है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और बुनियादी सुविधाओं में ये परिवर्तन न केवल जीवनस्तर को ऊँचा उठाएंगे, बल्कि राजधानी को एक वैश्विक मॉडल शहर के रूप में स्थापित करेंगे। जनता और सरकार के बीच इस साझेदारी से दिल्ली एक बार फिर “दिल वालों की दिल्ली” बनने की राह पर है।
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