दिल्ली की नइ्र सरकार का बजट आखिरकार आ ही गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का मेगा बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31.5 फीसदी अधिक है। यह बजट “विकसित दिल्ली“ की थीम पर आधारित इस बजट में महिला सशक्तिकरण, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और यमुना नदी की सफाई को प्राथमिकता दी गई है।
पिछले 12 साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जिस तरह से दिल्ली की आधारभूत संरचना के विस को नजरअंदाज किया थाख् इसकी वजह से दिल्ली चरमरा रही थी। सड़क, सीवर और स्वास्थ्य हर जगह निवेश के दरकार थी, वत्रमान बजट में पिदले सरकार की गलतियों को न सिर्फ ठीक किया गया है, बल्कि विकसित दिल्ली की तरफ यह पहला कदम है।
बजट 2025 के प्रमुख आंकड़े और घोषणाएं
बजट के प्रमुख आंकडे पर नजर डलते हैं। दिल्ली सरकार ने इस बार 1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड बजट की घोषणा की है। इसमें कई सेक्टर्स के लिए ऐतिहासिक आवंटन किए गए हैंः
🔥 परिवहन विभागः 12,952 करोड़ (सबसे बड़ा आवंटन)।
🔥 यमुना सफाईः 500 करोड़।
🔥 दिल्ली मेट्रो विस्तारः 2,929 करोड़।
🔥 महिला समृद्धि योजनाः 5,100 करोड़।
🔥 बिजली सब्सिडीः 3,843 करोड़।
🔥 झुग्गी पुनर्विकासः 696 करोड़।
🔥 100 अटल कैंटीन, 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसें, और
🔥 10,000 होम गार्ड्स की संख्या बढ़ाने जैसी योजनाएं भी शामिल।
शिक्षा क्षेत्र में 17 फीसदी और परिवहन में 73 फीसदी की वृद्धि से सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। इस ऐतिहासिक बजट में सरकार का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को देश की सबसे आधुनिक और विकसित राजधानी बनाना है। यह बजट सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं बल्कि भविष्य के लिए एक सुविचारित रणनीति है।
यमुना नदी की सफाईः सांस्कृतिक विरासत को बचाने की कोशिश
यमुना दिल्ली की आत्मा है। मुख्यमंत्री ने यमुना नदी को “दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहर“ बताते हुए इसकी सफाई को बजट का मुख्य एजेंडा बनाया। पिछले कई दशकों से यमुना नदी को स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनीं, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। इस बार सरकार ने 40 विकेंद्रीकृत सीवेज प्लांट बनाने और 32 वाटर मॉनिटरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इसके अलावा, जलभराव की समस्या को रोकने के लिए 603 करोड़ और प्रदूषण नियंत्रण के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि दिल्ली के जल जीवन का अहम हिस्सा है। सरकार की इस योजना से नदी में गिरने वाले प्रदूषित जल को रोका जाएगा और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से जल को शुद्ध किया जाएगा।
दिल्लीवासियों के लिए यह सिर्फ पर्यावरणीय सुधार ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और जल संरक्षण की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है। जल संसाधनों का संरक्षण और यमुना के कायाकल्प से आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिलेगा। सरकार का उद्देश्य यमुना को एक स्वच्छ और पुनर्जीवित नदी बनाना है, जिससे दिल्ली की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में भी सहायता मिलेगी। यह न केवल पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करेगा, बल्कि राजधानी को सुंदर और स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करेगा।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट रिवॉल्यूशन
दिल्ली को “विकसित राजधानी“ बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर 73þ अधिक खर्च किया जाएगा। बीते वर्षों में दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर विकास उस स्तर तक नहीं पहुंच पाया, जितना एक आधुनिक राजधानी के लिए आवश्यक है। कई प्रमुख सड़कें जर्जर स्थिति में थीं, यातायात व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही थी, और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार की सख्त जरूरत थी।
सरकार ने इस बार सड़क और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए 1,000 करोड़ रुपये, दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए 2,929 करोड़ रुपये और 5,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए भारी निवेश की घोषणा की है। प्रदूषण कम करने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
परिवहन को मिलेगी गति
दिल्ली की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार ने कई नई योजनाओं की भी घोषणा की है। अब यात्रियों को अधिक आरामदायक और तेज़ यात्रा अनुभव मिलेगा। स्मार्ट पार्किंग और डिजिटल हियरिंग के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे दिल्ली के यातायात को और अधिक व्यवस्थित किया जा सके।
इसके अलावा, इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (प्ैठज्) के उन्नयन और नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की भी योजना बनाई गई है। इस बजट से दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर न केवल भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार होगा, बल्कि यह नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर भी प्रदान करेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट और नई औद्योगिक नीति की घोषणा
25 मार्च 2025 को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट पेश करते हुए दो बड़े ऐलान किए। पहला, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन की घोषणा। यह समिट दिल्ली में पहली बार आयोजित होगा और हर दो साल में इसे दोहराने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएम ने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को दिल्ली की आर्थिक संभावनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी।
दूसरा बड़ा ऐलान नई औद्योगिक नीति और वेयरहाउस पॉलिसी से जुड़ा है। सीएम ने स्वीकार किया कि वर्तमान नीतियों के कारण व्यापारी दिल्ली छोड़कर अन्य राज्यों में जा रहे हैं।
इस समस्या को हल करने के लिए रिडेवलपमेंट प्लान लॉन्च किया जाएगा, जिसमें व्यापारिक बुनियादी ढांचे, लाइसेंसिंग प्रक्रिया और पारदर्शिता पर फोकस होगा। साथ ही, ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जो व्यापारियों की समस्याओं को सुनकर त्वरित समाधान प्रस्तावित करेगा।
इन पहलों का उद्देश्य दिल्ली को व्यापार और उद्योग के लिए आकर्षक केंद्र बनाना है। सीएम ने जोर देकर कहा कि यह नीतियाँ न केवल स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाएंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी। अब निगरानी की बारी है कि यह योजनाएँ कागज से जमीन तक कितनी सफलतापूर्वक उतरती हैं
दिल्ली के पुनर्जन्म का सपना
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बजट को “दिल्ली के पुनर्जन्म की आधारशिला“ बताया है। सरकार की सोच स्पष्ट है दृ एक स्वच्छ, सुंदर, सशक्त और आधुनिक दिल्ली। यदि इस बजट की योजनाएँ सफलतापूर्वक लागू होती हैं, तो दिल्ली वाकई भारत की “प्रगति की राजधानी“ बन सकती है। यह बजट विकास को गति देने के साथ-साथ नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।
सरकार ने अपनी योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने का संकल्प लिया है, जिससे जनता को सीधे लाभ मिले। दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के इस संकल्प में यमुना की सफाई, आधुनिक परिवहन प्रणाली, महिला सशक्तिकरण और आधारभूत ढांचे के उन्नयन जैसे विषय शामिल हैं। सरकार के इस सकारात्मक दृष्टिकोण से दिल्लीवासियों को नई उम्मीदें मिली हैं।
यह बजट केवल एक वित्तीय योजना नहीं, बल्कि दिल्ली के उज्जवल भविष्य की नींव है। सरकार का यह प्रयास राष्ट्रीय राजधानी को एक विकसित और स्वच्छ महानगर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। आने वाले वर्षों में यह बजट दिल्ली की प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।